अँधेरा है दूर तलक
फिर भी दिल कहता है आगे रौशनी ज़रूर होगी
चलता जा रहा हू मैं कदम दर कदम
इसी उम्मीद में आगे हस्ती हुई कोई रूह होगी।
पहेली सामान जीवन
अपने आप का ही दोस्त
अपना खुद ही हमसफ़र
बुझाते बुझाते पहेली
लगता है ख़ुशी ज़रूर मिलेगी ।
फिर भी दिल कहता है आगे रौशनी ज़रूर होगी
चलता जा रहा हू मैं कदम दर कदम
इसी उम्मीद में आगे हस्ती हुई कोई रूह होगी।
पहेली सामान जीवन
अपने आप का ही दोस्त
अपना खुद ही हमसफ़र
बुझाते बुझाते पहेली
लगता है ख़ुशी ज़रूर मिलेगी ।
No comments:
Post a Comment